THE HEADMASTER'S MESSAGE

  • मैं संस्कार पब्लिक स्कूल के प्रधानाध्यापक पद पर पिछले छ: वर्षों से कार्य करके वास्तव में सम्मानित महसूस कर रहा हूं। आज हम जिन बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वह बहुत ही ज्यादा विकसित, रचनात्मक और अन्य कलाओं में भी ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जागरूक बनाना । हमारा उद्देश्य शिक्षा के साथ बच्चों को सुसंस्कारी बनाना।
  •  हर विद्यार्थी के पास अपना अलग सामर्थ्य और कला होती है। कोई छात्र पढ़ाई में अव्वल होता है, तो कोई छात्र खेल कुद, संगीत, डांस आदि क्षेत्रों में आगे होता है, जरूरी नहीं कि आप भी अपने क्लास में टॉपर की तरह 95 फीसदी अंक लाओ तभी आपका भविष्य संवर सकता है। बल्कि जरूरी यह है कि आप अपने अंदर की काबिलियत को समझे और सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए अपने लक्ष्य का निर्धारण करें और उसे पाने के लिए खूब प्रयास करें तभी आप सफल इंसान बन सकते हैं।कुछ विद्यार्थी ऐसे होते  हैं जो पढ़ाई में मेहनत तो करते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिलती है, जिसकी वजह से वे निराश होकर पढ़ाई और मेहनत करना ही छोड़ देते हैं और अपनी किस्मत को दोष देने लगते हैं, लेकिन उन्हें निराश नहीं होना चाहिए बल्कि कई ऐसे सफल विद्यार्थियों से सीख लेनी चाहिए। जिन्होंने तमाम असफलता के बाद सफलता हासिल की है, क्योंकि सफलता पाने के लिए हर किसी को कड़ी मेहनत, लगन, धैर्य, संघर्ष और कई असफलताओं से गुजरना पड़ता है।

  • प्रधानाध्यापक का प्रोफाइल:
    मैंने अपनी प्रारंभिक वर्षों की शिक्षा गवर्नमेंट स्कूल से पूर्ण की और आगे की शिक्षा सुजला कॉलेज से पूरी की | भारती आदर्श संस्थान से b.ed की शिक्षा पूरी करने के साथ में एक वॉलीबॉल का उत्साहित खिलाड़ी भी बन गया | मुझे बचपन से ही गणित विषय को समझने में काफी रूचि थी, इसलिए मैं प्रधानाध्यापक पद के कार्य के साथ-साथ बच्चों को गणित विषय पढ़ाने का कार्य भी करता हूं | और अभी मैं अपना समय बच्चों के साथ व्यतीत करना पसंद करता हूं, विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र / छात्राओं को तमाम ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास इसी प्रकार आगे भी करता रहूंगा |

प्रधानाध्यापक    

सुरजाराम प्रजापत