ACTIVITIES IN SCHOOL
शिक्षा और संस्कार जीवन जीने का मूल मंत्र है।
विद्यालय में संस्कार ही हमारा दृढ़ विश्वास है। ज्ञान को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखा जा सकता। ज्ञान तो बांटने से बढ़ता है।
MORNING ACTIVITIES
हर विद्यार्थी के दिन की शुरुआत सुबह की गतिविधियों से होती है जिसमें योग, ध्यान ,अध्यात्म शामिल हैं। सभी गतिविधियां विद्यालय में सप्ताह में दो बार होती है जो सभी के लिए अनिवार्य है।
• योग:-योगा शरीर और मन के बीच स्थिरता बनाए रखने की प्रक्रिया है। प्राचीन काल में योगा ज्ञान प्राप्त करने का एक तरीका था । योगा हमारे शरीर के स्वास्थ्य और मन की मानसिक स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।यह आत्म सम्मान और आत्मविश्वास बढ़ाता है। योग उन्हें दृढ़ रहना , धैर्य रखना और अपने लक्ष्य की दिशा में काम करना सिखाता है। योग करुणा, ध्यान, उदारता और शक्ति प्रदान करता है। शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए योगा किया जाता है, जीवित रहने के लिए बहुत ही आवश्यक है। संस्कृत में योगा का नाम आसन होता है। मनुष्य मुख्य रूप से तीन तत्वों से बना है जो मन, शरीर और आत्मा है।
• ध्यान:- सुबह ध्यान लगाने से मन को शांति और कठिन कार्य करने की क्षमता मिलती है अपने मन को काबू करने का सबसे उत्तम और सरल तरीका ध्यान है जिससे आप अपने चंचल मन मस्तिष्क को स्थिर कर सकते हो, ध्यान एक ऐसा माध्यम है जिसकी मदद से आप अपने आप को जानते हैं और अपने दिमाग पर नियंत्रण रख पाते हो । जब आप ध्यान करना शुरु करते हो तो आपका दिमाग आपको अलग दुनिया में ले जाता है । जितने भी आज तक ज्ञानी विद्वान बने है वो कही न कही ध्यान जरूर लगाते हैं । अगर आपको ध्यान करना है तो आपको अपना मन शांत करना पड़ेगा तभी आप ध्यान कर सकते हो। केवल 15 मिनट का ध्यान आपके जीवन का रुख बदल सकता है। ध्यान आपकी बुद्धि को भी तेज करता हैं और ध्यान को किसी भी समय कहीं पर भी किया जा सकता है।
• आध्यात्म:-भारत एक परंपराओं का देश है और इस वजह से यहां भगवान और गुरुओं का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसे ही आध्यात्म ही भगवान तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता है एवं आध्यात्मिकता से ही ईश्वर की शक्ति का एहसास किया जा सकता है। आध्यात्मिकता से मन एकाग्र एवं शांत रहता है और यह हमारे अंदर जीने की इच्छा जागृत करता है जिनसे हमें जिंदगी में हमेशा आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा मिलती है और जिनके माध्यम से आप अपने जीवन के लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी। इस वजह से देशभर के लोग अध्यात्म से जुड़े हुए हैं। कभी-कभी हम खुशी, सफलता और स्वतंत्रता की खोज में , अक्सर अपने आध्यात्मिक पक्ष और भक्ति को भूल जाते हैं और मनुष्य के रूप में हमारे लिए अधिक आध्यात्मिक रूप से विकसित होना महत्वपूर्ण है।
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COURSES:-
सुबह की गतिविधियों में भाग लेने के बाद:-
इसके लिए विद्यालय में कुछ नियमित कोर्स करवाते है क्योंकि हमारा दृढ़ विश्वास है कि छात्रों के व्यक्तित्व को बदलने के लिए छात्रों को सभी क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
• अबेकस:- यह किसी व्यक्ति को गणितीय समस्याओं को कई गुना तेजी से हल करने में मदद करता है। यह सरल और जटिल दोनों तरह की समस्याओं के लिए बुद्धिमानी से निर्णय लेने में मदद करता है। यह बिना बिजली के चलने वाला पहला कंप्यूटर था, वास्तव में यह काम करने के लिए हमारे हाथों पर ही निर्भर था। छात्र जितना अधिक अबेकस का उपयोग करना शुरू करता है, उसकी कल्पना और दृश्य कौशल में उतनी ही बेहतरी आती है।अबेकस के अभ्यास से, बच्चे को किसी चीज़ को याद रखने की क्षमता में सुधार होता है।
• अंग्रेजी सीखना:- भारत अपनी हिन्दी के लिए जाना जाता है, हमारी मातृभाषा हिंदी है और अंग्रेजी हमारी जरूरत है। अंग्रेजी आज दुनियां मे सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं मे से एक है, और हमे इसे निश्चित रुप से सीखना चाहिए। यही हमे सारे विश्व से जोड़ती है। जब आप अंग्रेजी जानते है तो यह वास्तव मे आपके लिए बहुत सारे विकल्प स्वतः ही सामने निकलकर आते है, हमे अपनी मातृ भाषा को कभी नही भुलना चाहिए यह आपकी हर जगह सहायता करती है। विद्यालय में अंग्रेजी भाषा का सप्ताह में दो बार अभ्यास करवाया जाता है।
• संस्कार:-मानव जीवन में शिक्षा एवं संस्कारों का बड़ा महत्व माना गया हैं. हमारे देश की महान संस्कृति की एक देन संस्कार भी है जिनका प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बड़ा महत्व हैं. व्यक्ति का समाज में मूल्य तथा सम्मान बहुत बढ़ जाता हैं.। संस्कार का मतलब है, सही शिक्षा पाना। शिक्षा का मतलब केवल किताबी ज्ञान नहीं है। किताबी ज्ञान तो कोई भी पा सकता है लेकिन संस्कार युक्त शिक्षा, ऐसी शिक्षा है जो ज्ञान के साथ–साथ जीवन को भी पवित्र बनाए।ऐसी मान्यता है कि मनुष्य जन्मना असंस्कृत होता है किन्तु संस्कारों के माध्यम से वह सुसंस्कृत हो जाता है ।
• संस्कृति:-छात्र हमारे देश का भविष्य हैं और हम चाहते हैं कि आने वाली हमारी पीढ़ी अपनी भारतीय संस्कृति का आदर सम्मान करें। हमारे सभी छात्रों को हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को आत्मसात करने और देश में शांति को बढ़ावा देना चाहिए। संस्कृति का निर्माण करना अभी भी बहुत ही आसान है, परंतु इसे संभाल कर रखना मुश्किल है।। इसीलिए संस्कृति को बनाने में उमर लग गई और इसे बिगाड़ने में एक पल भी नहीं लगता है। हमेशा अपनी संस्कृति को बचाकर रखें और मुझे यकीन है। अगर हम सब एकत्रित होकर यह काम करें तो, हम इसमें सफलता जरूर हासिल कर लेंगे।
- संस्कार पब्लिक स्कूल एक ऐसा माहौल प्रदान करने का प्रयास करता है | जो सशक्त और समृद्ध हो | यहां पर “हर बच्चा अपने आप में परिपूर्ण है” जो उसे उसके खेलों से बाहर आने सीखने और खेलने के लिए एक मंच प्रदान करता है | स्कूलों में खेल :- कबड्डी, क्रिकेट, वॉलीबॉल, रस्सी कूदना, खो – खो, बैडमिंटन, आदि खेलों पर ध्यान दिया जाता है | बच्चों की नीव उनके बचपन मैं जितनी ज्यादा गहरी डाल दी जाती है और आने वाले समय में उनकी ऊंचाइयों का अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता है | बच्चों को प्रत्येक माह में अलग-अलग प्रतियोगिता से अवगत कराया जाता है | और हर सप्ताह सभी बच्चों की कॉपियों का मूल्यांकन, बैग का मूल्यांकन, और राइटिंग का मूल्यांकनआदि कार्यों को समय पर किया जाता है जिससे बच्चे की स्थिति का अनुभव हो सके |
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